सचिव की कलम से
प्रिय विद्यार्थियों,
उपनिषद में कहा गया है ‘आप वह हैं जो आपकी गहन इच्छा है। जैसी आपकी इच्छा है, वह आपकी आकांक्षा है। जैसी आकांक्षा है वैसा आपका कर्म है। जैसा आपका कर्म है, वैसा आपका भाग्य है।’’
मेहनत अगर सही दिशा में सही लक्ष्य लेकर की जाए तो वह सफल होती है। आपका लक्ष्य एकदम स्पष्ट है तो आपको सफलता अवश्य मिलेगी।
आप अपने जीवन का अत्यधिक मूल्यवान समय यहां व्यतीत कर रहे हैं। विद्यालय ही नहीं बल्कि आपका परिवार, समाज और राष्ट्र आपसे अपेक्षा करता है कि आप सुयोग्य, स्वविद्या में पारंगत, सफलतम नागरिक एवं आदर्श प्रेरक पुरूष बनें। आपके व्यक्तित्व के चहुॅंमुखी विकास के लिए विद्वत शिक्षक वृन्द, कम्प्यूटररीकृत पुस्तकालय, आधुनिक प्रयोगशालाएं, सांस्कृतिक गतिविधियॉं आदि सभी कुछ उपलब्ध हैं जिनका भरपूर लाभ देना आपका ही दायित्व है। आप शैक्षिणक, सह-शैक्षणिक गतिविधियों में अपनी सहभागिता दर्ज कराते हुए विद्यालय की गौरवशाली परम्परा के संवाहक बनें।
इन्हीं शुभकानाओं के साथ,
घनश्याम दास बिन्नाणी
सचिव
सेठ जी.एल.बिहाणी स.ध.सी.सै. स्कूल
प्रबन्ध समिति