पुस्तकालय
पाठ्य-पुस्तकें पढ़कर हम परीक्षाएँ पास करते हैं और आगे बढ़ते जाते हैं। परन्तु यह शिक्षा सीमित हैं व्यापक शिक्षा के लिए पुस्तकालय से बढ़कर अन्य कोई साधन नहीं है। यही कारण है कि प्रायः प्रत्येक विद्यालय का अपना पुस्तकालय होता है। हमारे स्कूल मे भी पुस्तकालय है और मुझे यह कहने में संकोच नहीं है कि यह पुस्तकालय बहुत अच्छा है। इसकी व्यवस्था भी बहुत अच्छी है यह पूर्ण रूप से कम्प्यूटरीकृत है। शाला पुस्तकालय पुस्तकों का विशाल भण्डार है। ज्ञान का सागर है। इसमें सभी को प्रायः अपनी-अपनी रूचि की पुस्तकें प्राप्त हो जाती है। शाला पुस्तकालय में पाठ्य पुस्तकों के अतिरिक्त महान लेखकों की रचनाएँ, मासिक, पाक्षिक, साप्ताहिक एवं दैनिक पत्र पत्रिकाएँ भी उपलब्ध है।